


बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में आखिरकार सीटों का बंटवारा तय हो गया है। इस बार बीजेपी और जेडीयू के बीच बराबरी का फॉर्मूला अपनाया गया है, जिसके तहत दोनों दल 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता धर्मेंद्र प्रधान तथा जेडीयू के वरिष्ठ नेता संजय झा ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी।
जदयू और बीजेपी 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है
सीट बंटवारे के तहत इस बार जदयू और बीजेपी 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है। वहीं चिराग पासवान की पार्टी को 29 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए दिया गया है। इसके अलावा जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 6-6 सीट दी गई हैं. सीट बंटवारे में सबसे अधिक 14 सीटें जदयू को छोड़नी पड़ी है। भाजपा की नौ और हम की एक सीट गई। अगर पिछले चुनाव के समय हुए सीटों के बंटवारे को देखें तो जदयू के हिस्से की 21 और भाजपा के हिस्से की 20 सीटें निकल गई हैं। जदयू की यह जिद भी नहीं रही कि पिछले चुनाव में हम जिन सीटों पर लड़े थे, उनमें कोई सीट लोजपारा के लिए नहीं छोड़ेंगे।
पिछली बार के मुकाबले बदलाव
सीटों के इस नए बंटवारे में सबसे अधिक 14 सीटें जेडीयू को छोड़नी पड़ी हैं। वहीं, बीजेपी को 9 सीटें, और हम को 1 सीट छोड़नी पड़ी है। यदि 2020 के विधानसभा चुनाव से तुलना करें, तो जेडीयू के हिस्से की 21 और बीजेपी के हिस्से की 20 सीटें इस बार बदली गई हैं। इस बार जेडीयू ने यह जिद भी नहीं रखी कि पिछली बार जिन सीटों पर वह लड़ी थी, उन्हें किसी अन्य पार्टी को न दिया जाए — विशेष रूप से लोजपा को।
गठबंधन में ‘बड़े भाई’ की भूमिका खत्म
इस बार के बंटवारे में कोई भी दल 'बड़ा भाई' नहीं है। बीजेपी और जेडीयू ने बराबर सीटों पर सहमति जताई है, जिससे गठबंधन में संतुलन और सामंजस्य दिखता है। इस सीट बंटवारे से एनडीए ने यह संकेत देने की कोशिश की है कि वह एकजुट होकर महागठबंधन और अन्य विरोधी दलों को चुनौती देने को तैयार है। वहीं चिराग पासवान को 29 सीटें मिलना उन्हें गठबंधन में मजबूत स्थिति में लाता है।